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...निरगुन...

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जाइके छै पियाके महल
मोहके छै बेरीया परल
बिचेमे हंसा हमर भुलायल छौ हो राम ।

जनमक बेरिया हो रामा
पियाक सुधिया विसरलौ
गौवनाके बेरिया याद सतावै हो राम ।हो हो हो

एक त बयस मोर पाञ्चम
रंगल चुनर रंग आठम
ताहि पर रतिया लागै भयावन हो राम । हो हो हो

सासु जी अघोर निन सुतै
ननदी के निनियो ने टुटै
आ पियाके कहरिया आयल दुवारे हो राम । हो हो हो

कोइ हमर गोरबा जे पकडै
कोइ जन्जिर झिन्झिर बीच जकडै
कोइ हमर गर्दैन करै हलाल हो राम ।हो हो  ।हो हो हो

✍दिनेश रसिया
लहान,मिथिला( नेपाल
२०७२–३–२३

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