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हमर बिचार



जन्ता किये अत बन्ल लाचार
भुइल गेल सब सिस्टाचार
सब कुछ अइछ एत खराब
आब कि कहु हम अपन बिचार

नेता अइछ कुर्सीमे झुल्ल
जन्तासब बिरोधमे भुलल
घुसखोरके दैय हकार
आब कि कहु हम अपन बिचार

विद्यार्थीके किताब नै पुगैय
गरीब सबके भात नै पुगैय
शोषित सबके हात नै पुगैय
मिली भगतके नखरा हजार
आब कि कहु हम अपन बिचार

पत्रकार अछि घुषमे तुल्ल
दिन राइत अइछ फिसमे भूल्ल
कहैय पुगबै छी असल संचार
मुदा पत्रकारिता बन्लय एत व्यापार
आब कि कहु हम अपन बिचार

नारी अइछ  वेदनामे डुबल
दहेजक फूल अइछ धरधर फूलल
घर घर अइछ भेदभावक दलाल
के उठायत एकर सवाल
कतौह नै होइय एकर प्रचार
आब कि कहु हम अपन बिचार

शहीदक सपना सकार करु
समाजक बात पर बिचार करु
दिदी बहिन अइछ बड पछुवायल
जागु युवा एकर प्रतिकार करु
सब संदेशक इहे अइछ सार
एह अइछ आब हमर बिचार

१८. सिनेहिया बेदर्दा

गामक सिमान पर नित भेटैतछेलौ
एक दोसराके दर्द बुझबैत छेलौ
आइखमे नोर नै देखैत छेलौ
नइ जाइन केकर लागल नजर
सिनेहिया बैनगेल बेदर्दा हमर ।

मनक बात कोइ नई जनैत अछि
सब कियो जाइत धर्मलेल मरैत अछि
धध्कल अइ आइगे सिनेहिया जरैत अछि
अहिमे जइर गेल करम हमर
सिनेहिया बैनगेल बेदर्दा हमर ।

छोरक मन त केकरो नइ छल
मुदा समय केलक हमरा स छल
साजनके मन तोइर क आइ
कइर देलक हमर प्रेम बिफल
अहि दुखक शोगमे नेह भगेल तर हमर
सिनेहिया बैनगेल बेदर्दा हमर ।

आइ जिबैछि हम एकेटा बात लेल
प्रेमक अहि अन्हर बिहाइर कोइ नै हुवे फेल
प्रमक मधुर मिलनमे नै लगबे आइग ढाइर करुवा तेल
पाइरमे नै बेरी हुवे सामाज नै हुवे जेल
सजना नै बने कहियो बेदर्दा आहाक ।
सजना नै बने कहियो बेदर्दा आहाक । 

प्रित में हमरा अहाँ,किए ऐना बर्बाद करै छी, नै हमरा सँ बात करै छी, नै हमरा अहाँ याद करै छी!

गीत दिनेश रसिया 
 
 आहाक सगेँ जियब हम सगेँ मरब यौ मीत ,
 गायब मिथिलाकेर गीत गायब मिथिलाकेर गीत ।।
 जिyब सगेँ हम पोखरी महार पर , खेतक माछ खायब सजमैन चार पर दही चुरा सगेँ खायब अँचारक अमृत गायब मिथिलाकेर गीत गायब मिथिलाकेर गीत ।। 
 
 सबरी के बैर जेहेन हमर माछ पान यौ
 घर घर बखारी आ नमहर दलान यौ
 सरसोके फूलस भरल खेतक बीत बीत
 गायब मिथिलाकेर गीत गायब मिथिलाकेर गीत ।। 
 
मेहन्त हमर कमला कोसी बलानसन 
नामी हमही विद्यापती जीक गाम सन
 हो हो हो बारीक बथुवा सन किछो नै मिठ 
गायब मिथिलाकेर गीत गायब मिथिलाकेर गीत ।।
 
 जगमे कतौह नै पाहुन श्री राम सन
 मण्डन अया जी आ उगना भगवान सन 
एत बुद्धक सन्देस बाल बच्चाकेर सीख
 गायब मिथिलाकेर गीत गायब मिथिलाकेर गीत ।।
 
 आहाक सगेँ जियब हम सगेँ मरब यौ मीत , गायब मिथिलाकेर गीत गायब मिथिलाकेर गीत ।।
आहा लेल जान ददेब हम 
दिनेश रसिया


आहाके प्रेम मे जान ददेब हम 
आहा खातिर अपन प्राण ददेब हम 
आहा जन्म देलैह जै भूमि पर माँ 
ओ भूमि लेल जहान ददेब हम

 सात समुन्दर पार कि रिस्ताके खातिर धनक दिवार की 
अपन घर बचाबके लेल क्षण भैरके प्यारके
 आ आहाके बचाबके लेल
 इ झुट्ठा सरकार की
 के रोकत आब हमरा ककरा मे य दम
 आहाके प्रेम मे जान ददेब हम 
 आहा खातिर अपन प्राण ददेब हम 


साँस टुटे त टुटे मुदा आश नै टुटे 
आहा जे अपन किरिया खेलौ ओ हात नै छुटे 
आब कियो अपन बहिन आ माइ के इज्जत नै लुटे 
निफिकिर घुमे सब इ बिश्वास नै टुटे 
अगर इ टुइट जेत त किया खेलौ आहा कसम 
आहाके प्रेम मे जान ददेब हम 
आहा खातिर अपन प्राण ददेब हम 

 अखन त नेतासब नाच करैये 
अपन अपन दमके प्रवाह करैये 
अपने खुब खाइये, अपने खुब मोटाइये 
अइ बिचमे हमर आहा सन जनता चक्कीमे पिसाइये 
मुदा आइब गेल आब मुक्तिके लहर
खा लेब देशके लेल हलाहल जहर 
आब नै दिय कोइ हमरा भ्रम 
आहाके प्रेम मे जान ददेब हम 
आहा खातिर अपन प्राण ददेब हम