************ गजल****************
अहाँ हमरासँ एना सदैत रुसल रहै छी किए ?
कखनो देखी नै अहाँकऽ हमरा कल्पबै छी किए ?
नैन ताकैत रहैए सगरो अहिँके हरदम,
हमरा छोड़ि अहाँ परोछेमे रहै छी किए ?
नाता जोड़ि लेने छी की दोसरसँ अहाँ,
आई काल्हि हमर बात नै बुझै छी किए ?
राति काटऽ दौडैए अस्गरमे बिछान पर,
सपनोटामे आबिक' दर्शन नै दै छी किए ?
पियासल छै "रसिया" अहाँक' एक चुरु नेह लेल,
प्रेमक' मधुशाला अहाँ नै पियबै छी किए ? *************
२०७२/१२/२
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