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परदेशी अइछ इ जीवन

परदेशी अइछ इ जीवन
कुछ कुछ बदलल बदललकुछ कुछ परेसानकुछ सोचमे डुबलकुछ कुछ निरासशरीर स दुर मुदा मनसे आहाके पासकुछ सहज कुछ खासघरक याद स हतास



तबल लगैय एतके बतास
निक नै य हमर मिसाज
मुदा काज करै छि तैयो
कियाकि बरहे नै साहुके बियाज


मन नै होइये इ काज करी
मुदा आहासबहक याद सं लगैय लाज
घरमे परसल थारी भैर तरुवा
मुदा एत बनल छि विदेशीके भरुवा
दोष हमर किछ नै य
कियाकि देशक नेता बनल य गाइ चरवाहा

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