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आइ फेरो भेल मुलाकात
सचके झुठ सं
छावंके धुपसं
देखते मुह
घुमालेलैन ओ
झाइप लेलैन अपन अचराके छोर सं
मुह छल झापल आइख उघारे
नैन छल भरल नोरसं
तडैप गेलौह हम
मुदा मन कहलक
नै कनु आहा
ओ नेह लगौलैन केकरो औरसं ।।
कि कहि विधिके लिखना
एकर लेखजोख नइ
हमरे घर छेल बनल भोज
हमरे पत्ता भात नइ
जिव छल हमरे
हमरे छल प्राण
हमरे चावल हमरे धान
दुरामे राखल छल माछ, पान मखान
मुदा हमरे भेल खोज नै
हमरे घर छेल बनल भोज
हमरे पत्ता भात नइ
समाजक रीत देख मन छछनाइ ये
देख मुरुख सन व्यवहार बुइध हेराइये
कहैये हमर लग नै सटु
हमर देह छुबाइ ये
हमरे भोजमे हमर छुवैके अधिकार नै
हमरे घर छेल बनल भोज
हमरे पत्ता भात नइ
रङ्ग देखलौ,
रुप देख्लौ
जाडमे निक धुप देखलौ
देस देखलौ
बिदेस देखलौ
केहन केहन भाषा भेष देखलौ
इष्र्या देखलौ
द्धेष देखलौ
झुठक प्रवेश देखलौ
साथ देखलौ
घात देखलौ
भाइ भाइमे प्रहार देखलौ
रौदी देखलौ
दहार देखलौ
आइगलगीके संसार देखलौ
भू–कम्प देखलौ
पिडित जनता देखलौ
पल भैरमे बदलौत संसार देखलौ
पडोसीके आदर सत्कार देखलौ
विदेशीके शिष्टाचार देखलौ
मुदा नै बदलैत नेपालक ,
लोभी नेतासबके व्यवहार देखलौ ।।।।