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कि कहि विधिके लिखना
एकर लेखजोख नइ
हमरे घर छेल बनल भोज
हमरे पत्ता भात नइ
जिव छल हमरे
हमरे छल प्राण
हमरे चावल हमरे धान
दुरामे राखल छल माछ, पान मखान
मुदा हमरे भेल खोज नै
हमरे घर छेल बनल भोज
हमरे पत्ता भात नइ
समाजक रीत देख मन छछनाइ ये
देख मुरुख सन व्यवहार बुइध हेराइये
कहैये हमर लग नै सटु
हमर देह छुबाइ ये
हमरे भोजमे हमर छुवैके अधिकार नै
हमरे घर छेल बनल भोज
हमरे पत्ता भात नइ

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