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रङ्ग देखलौ,
रुप देख्लौ
जाडमे निक धुप देखलौ
देस देखलौ
बिदेस देखलौ
केहन केहन भाषा भेष देखलौ
इष्र्या देखलौ
द्धेष देखलौ
झुठक प्रवेश देखलौ
साथ देखलौ
घात देखलौ
भाइ भाइमे प्रहार देखलौ
रौदी देखलौ
दहार देखलौ
आइगलगीके संसार देखलौ
भू–कम्प देखलौ
पिडित जनता देखलौ
पल भैरमे बदलौत संसार देखलौ
पडोसीके आदर सत्कार देखलौ
विदेशीके शिष्टाचार देखलौ
मुदा नै बदलैत नेपालक ,
लोभी नेतासबके व्यवहार देखलौ ।।।।

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