++गजल++
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:57 AM
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दुनियाक दसतुर केहन नै पुुछु मित ।
दुनिया मजबुर केहन नै पुछु मित ।
चिलका चिलहौर पाइर कनै चौगमामे
माइ–बाप बेशुर केहन नै पुछु मित ।
सोनक जे खाइन छै, तकरा नै माइन छै,
बेटे तिनुुपुर केहन नै पुछु मित ।
धनक बखारी कि, महल अटारी कि,
घमन्डेमे चुर केहन नै पुछु मित ।
जगक भुँवुँरमे फसल छै रसिया,
लक्ष्य कते दुर केहन नै पुछु मित ।
२०७३/०७/३०
Dinesh Rasya
Lahan
हुनके
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:20 AM
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हुनके
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:-दिनेश रसिया
साँझमे आ भोरमे
गामक ओरमे
शरिरक पोरेपोरमे
सुगन्ध अखनो
हुनके अछि
दुनिया संसारमे
माइटक पहारमे
एक आ हजारमे
इजोत अखनो
हुनके अछि
बितल हर बातमे
बलानक कातमे
घरक भातमे
स्वाद अखनो
हुनके अछि
खेतक धानमे
पान आ मखानमे
माइटक भगवानमे
विश्वास अखनो
हुनके अछि
ओ हमर प्राण
सबहक जुवान
हम त नादान
सँस्कृति महान
2073/07/28
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:-दिनेश रसिया
साँझमे आ भोरमे
गामक ओरमे
शरिरक पोरेपोरमे
सुगन्ध अखनो
हुनके अछि
दुनिया संसारमे
माइटक पहारमे
एक आ हजारमे
इजोत अखनो
हुनके अछि
बितल हर बातमे
बलानक कातमे
घरक भातमे
स्वाद अखनो
हुनके अछि
खेतक धानमे
पान आ मखानमे
माइटक भगवानमे
विश्वास अखनो
हुनके अछि
ओ हमर प्राण
सबहक जुवान
हम त नादान
सँस्कृति महान
2073/07/28