Powered by Blogger.

***मनकौबला***

***मनकौबला***
______________
ओकरा देखलौ
लागल जे प्रेम भगेल
फेर देखलौ
वाहवाही सन लागल
ओकरा बुझलौ
अगबे दर्द मिलल
सहके प्रयास केलौ
निरासा मात्र पेलौ
लडबाक प्रयास अछि
सब पागल बुझैये
मुदा हम नै हारब
इ दहेज सं
से मनकौबला अछि ।
-------------------
दिनेश रसिया
२०७३/०८/१
लहान 

++गजल++

++गजल++
*********
दुनियाक दसतुर केहन नै पुुछु मित ।
दुनिया मजबुर केहन नै पुछु मित ।

चिलका चिलहौर पाइर कनै चौगमामे
माइ–बाप बेशुर केहन नै पुछु मित ।

सोनक जे खाइन छै, तकरा नै माइन छै,
बेटे तिनुुपुर केहन नै पुछु मित ।

धनक बखारी कि, महल अटारी कि,
घमन्डेमे चुर केहन नै पुछु मित ।

जगक भुँवुँरमे फसल छै रसिया,
लक्ष्य कते दुर केहन नै पुछु मित ।

२०७३/०७/३०
Dinesh Rasya
Lahan

हुनके

हुनके
####
:-दिनेश रसिया
साँझमे आ भोरमे
गामक ओरमे
शरिरक पोरेपोरमे
सुगन्ध अखनो
हुनके अछि
दुनिया संसारमे
माइटक पहारमे
एक आ हजारमे
इजोत अखनो
हुनके अछि
बितल हर बातमे
बलानक कातमे
घरक भातमे
स्वाद अखनो
हुनके अछि
खेतक धानमे
पान आ मखानमे
माइटक भगवानमे
विश्वास अखनो
हुनके अछि
ओ हमर प्राण
सबहक जुवान
हम त नादान
सँस्कृति महान

2073/07/28