अजब सरकार गजब हडताल
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:02 AM
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सोनक टुकरी देश हमर
से फसल आइ बिच भवँर
के लगायत एकरा पार
देख चलती एकर पिटे जनता कपार
हम नचै छि अपने ताले ओ नचैय अपने ताल
शान्तिके अहि देशमे अजब सरकार आ गजब हडताल ।।
नजैर अगाडीमे हुवे नै खोकी झुठे एत कुकुरसन भुकी
क्यो करैये रासन चोरी कक्रो घर रोटियेले दुखी
कतौ करे फठा जुलुस कतैह मसालमे आइग
आगा बढा जनताके नेता जाइये पछाडी भाइग
अहिसे एतके जनता सब होइये खुब बेहाल
शान्तिके अहि देशमे अजब सरकार आ गजब हडताल ।।
देखलौ अतै कुकुर रयाली एतै लगल य गदहाके व्यापार
थारी पिटे अतैके जनता अकरे कपारपर होइये प्रहार
नेता सबके गजब एत गजबके व्यवहार
कतौ करिया झन्डा कतौ दिपाबली त्योहार
वाह रे वाह हमर सरकार
जनतेके एत करे लचार
कतौ दुखक सागर कतौ डिस्को सुरताल
शान्तिके अहि देशमे अजब सरकार आ गजब हडताल ।।
दिनेश रसिया लहान सिरहा २०७२–०६–०६
मन खुुशी नयन अश्रुधार
Posted by dinesh rasya
Posted on 1:15 AM
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बड स्नेह सं ओक्रा लगेलियै
अपन खुन सं ओक्रा सिचलौ
गाछी धिरे धिरे बरह लागल
फल लागल फूल लागल,
आम जेका मोजराय लागल
मुदा हाय रे हमर भाग
जैन कपारे छल फुटल
मोती जेका रहल हमर
सब पाइत टुटल
फल तोरा गेलौह जखन
तखने चोरबा सबटा खा गेलौ ।।
अखन अपने बारीमे पाकल य फल
मोल छल हर्षित बड ललचायल
कि कहु केहन छल ओ पल
घरक मलकिबा धेने छल जल–थल
सात समुन्दर पार तक अछि हमर चर्चा
मुदा हमर घरमे जुमैय ने खर्चा ।।
दोधारमे पडल छि आइ हम
मोन अछि खुशी आइख अछि नम
खुशी छि जे देशमे बनल य संविद्यान
मुदा हमरलेल विधने अछि जैन बाम
मन होइये दिवाली मनबी हमहु
मुदा अधिकारके माँगी भाइ हमर लैय हमर जान ।।
हमर लहास पर करै ये संविद्यानक व्यापार
भाइके घरमे देख दियाबाती
मन अछि खुशी नयन अश्रुधार
मन अछि खुशी नयन अश्रुधार ।।
दिनेश रसिया लहान सिरहा २०७२–६–१
मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:47 AM
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मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश
हरा रहल अपन भाषा हरारहल अपन भेष ।
टुइट रहल अपन अधार,
छिना रहल य अपन प्रदेश
मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश ।।
हर घरके खुशहाली भाइग रहल य
घुराक घर लाब खुशी जनता जाइग रहल य
शिर कटे चाहे बहे खुनक धार
हम मधेशीके एके ललकार
बड सहलियौ तोहर गुलामी
आब लक रहबै अपन अधिकार ।
घर घरसं जागे मधेशी माइग रहल य अपन मधेशी ।।
मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश ।।
हमरे खेतक अन्न तुँ खाइछे
हमरे लग देखबे अभिमान
आब नै छोरबौ बौवा तोरा
चाहे लले हमर तु प्राण
इटक जवाफ पथरसं देबौ
झाइर देबौ आब तोहर सेखी
घर घरसं जागे मधेशी माइग रहल य अपन मधेशी
मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश ।।
Dinesh Rasya @ Lahan Siraha
हरा रहल अपन भाषा हरारहल अपन भेष ।
टुइट रहल अपन अधार,
छिना रहल य अपन प्रदेश
मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश ।।
हर घरके खुशहाली भाइग रहल य
घुराक घर लाब खुशी जनता जाइग रहल य
शिर कटे चाहे बहे खुनक धार
हम मधेशीके एके ललकार
बड सहलियौ तोहर गुलामी
आब लक रहबै अपन अधिकार ।
घर घरसं जागे मधेशी माइग रहल य अपन मधेशी ।।
मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश ।।
हमरे खेतक अन्न तुँ खाइछे
हमरे लग देखबे अभिमान
आब नै छोरबौ बौवा तोरा
चाहे लले हमर तु प्राण
इटक जवाफ पथरसं देबौ
झाइर देबौ आब तोहर सेखी
घर घरसं जागे मधेशी माइग रहल य अपन मधेशी
मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश ।।
Dinesh Rasya @ Lahan Siraha
औंरीे पर गनल पबनी
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:50 AM
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कतेक छोट अछि जीन्दगी
तैमे औंरीे पर गनल अछि पबनि
साउनमे आयल नाग पञ्चमी
गोबर सं घर आङ्गन निपेली
नब बासनमे बनैये दुध लाबा
मन्तर पढैय धामी बाबा
राइत भैर करैय साँप धङ्ग्नी
औंरीे पर गनल अछि पबनि ।।
चौबिस दिन बाद अछि रक्षाबन्धन
कच्चा धागामे अछि बहुते दम
भाइ बहिनके अछि इ बड पबनि
मनबैये लक फूल, पान,बखान तखनी
औंरीे पर गनल अछि पबनि ।।
राखी आठे अष्टमी अन्हार
कृष्णजी आइ लेता अवतार
झुमैये अखन धरती गगन
औंरीे पर गनल अछि पाबैन ।।
अष्टमी दशे अछि चौरचन
धियापुता सँग बुढबो अइ मगन
खिर पुरी पर सबहक मन
चन्द्रमा के पुजा होइत अछि भौर आङगन
औंरीे पर गनल अछि पाबैन ।।
चौरचन बिसे अछि जितिया
बाबु सँगे खुस अछि पितिया
जितिया पाबैन बड भारी,
धिया पुत्ताके ठोइक सुताबे
अपना खाइये भैर थारी अछि इ कहबी
भोरबाके खाउ घेरा पात पर चुरा दही
धिया पुता कनिया रहैय सब मगन
औंरीे पर गनल अछि पाबैन ।।
जितिया दशे अछि दशैँ
दश दिन तक घरेमे बैसैइ
डाइन जोगिन पर नै अछि भरोसा
टोना टापरसं डरैके छोरु आशा
नब दुर्गाके अछि नौ रुप सजनी
खसी बोका कटैये अइमे खुब अखनी
औंरीे पर गनल अछि पाबैन ।।
दशै बिसे अछि सुक्राती
घर–घर बरैये दियाबाती
लक्ष्मी जी आब के सबके घर घरमे जाइउे बैठ
सुकराती छबे होइये छैठ
पुजाइये अइमे साँझ आ भोरक सुरुज
ठकुवा भुश्बा केरा मन परैये खुब
अइके बादो अछि बहुते पबनि
कतेक छोट अछि जीन्दगी
तैमे औंरीे पर गनल अछि पबनि ।
औंरीे पर गनल अछि पबनि ।।
2069-7-5
dinesh rasya
तरकारी स्कूल
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:45 AM
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आलु भन्टा स्कूल गेलैइऽ बोइकऽक नमहर झोरा
सुथनी भैया थपरी बजाक स्वागत केल्कै ओक्रा
मुररै भैया खिस्सा कैहऽक सबके हसेलक
सजमैन, कदिमा ,टमाटरके भुँइयामे बैठेलक
कखहरबा परहैत बड दुरऽसं खिरा दिदी एलैन
मिरचाइ रानी सबाल कैरके करुऽ खुब लगौलैन
करैलाऽजी बड खुरलुची मास्टर जी ओकर देखलक
आगा बढैत मास्टर जी के पुच्छरी लटका देलक
मिरचाइ रानी सबाल कैरके करुऽ खुब लगौलैन
करैलाऽजी बड खुरलुची मास्टर जी ओकर देखलक
आगा बढैत मास्टर जी के पुच्छरी लटका देलक
कुमहर जी के उजर उजर दाह्री पकलऽय
निचा देख क छोटकी कोबी खुब हसैऽय
एतबाऽमे झुमनी उइठके भाइग गेल
कबऽ कबऽ लगैत ओल बौवा माफी माँइग लेल
निचा देख क छोटकी कोबी खुब हसैऽय
एतबाऽमे झुमनी उइठके भाइग गेल
कबऽ कबऽ लगैत ओल बौवा माफी माँइग लेल
गाँजर जी गीत गौलक ढोलक बजाऽक
बोडी दैया नाँच केलक डाँर लचकाऽक
टलछत्ता अङकल एतबामे बजादेलक धण्टी
अपन बच्चा लेबा एलैन बन्दा कोबी अन्टी
बोडी दैया नाँच केलक डाँर लचकाऽक
टलछत्ता अङकल एतबामे बजादेलक धण्टी
अपन बच्चा लेबा एलैन बन्दा कोबी अन्टी
हेडमास्टर अदौरीऽजी तबला बजेलैन
पिटी मास्टर परबल सरजी प्रार्थना करेलैन
हाजरी खाता विद्याथीके कोमहर रखलऽय
पियौज रानी सबके हाजरी करबैऽय ।।
पिटी मास्टर परबल सरजी प्रार्थना करेलैन
हाजरी खाता विद्याथीके कोमहर रखलऽय
पियौज रानी सबके हाजरी करबैऽय ।।
दिनेश रसिया लहान सिरहा
पुलिसबा जनताके मारैय गोली ।
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:15 PM
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बैसाखमे भेलौय लक्ष्मी पुजा
अषाढमे भेलौय होली
दुुनिया त आब उलटे चलौय
पुलिस जनताके मारैय गोली
गल्ती अइमे पुलिसके एको नै गे दाइ
अपने चिन्हल नेतबा सब एत बनल छै कसाइ
चैतमे जा के सैज रहलय कोहबरके रंगोली
दुुनिया जैन उलटे चलौय पुलिसबा जनताके मारैय गोली
ऊ बीस त हमहु कि कम छी
अनके बात पर फोरेत एत बम छि
अपन आन आब के बुझैय सैज गेलै दंगा टोेली
दुुनिया जैन उलटे चलौय पुलिसबा जनताके मारैय गोली
माघमे आब हेतै भरदुतिया झिझिया खेलब सामामे
हमरा आब के कि कहते हमर हात अछि बढका नेताक पैजामामे
लंका जरनाइ बन्द भगेलै, मधेशमे पसरल य विध्वंसके हुकालोली
दुुनिया जैन उलटे चलौय पुलिसबा जनताके मारैय गोली
माघ मासके लाय आ मुरही खायब आब धन रोपनी मे
मरुवा रोटी जलखैमे भेटै छल, मांस मदिरा बन्दि मे
कतेक जनतासे तौलेबे नेतबा,अइबेर हमहु तोरा सं तौलाली
दुुनिया जैन उलटे चलौय पुलिसबा जनताके मारैय गोली
आस्माानमे पाइन भरल य,आइग समुन्दरमे लगल य
हम त कहै छि लगैय हमरा सरकारे जेन पागल य
मन ते होइये शंकर जेका सब बिष हमहि उठाक पिलि
दुुनिया जैन उलटे चलौय पुलिसबा जनताके मारैय गोली ।
देखु दुनियामे भेलै अन्हेर आइ
बाघक बच्चा बिलैया ठकने जाय
माय गे कोइने पतियाय
भैर दिन खेले निसोखिया सब हमर खुनस होली
दुुनिया जैन उलटे चलौय पुलिसबा जनताके मारैय गोली । ।
दिनेश रसिया २०७२–५–१८/ 4 Sept.2015
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:03 AM
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आइ फेर परलै पाइन सौंसे खेत दहा गेलै
आइ फेर भेलै जमघट आ अपन माँग हेरा गेलै
मन त हमर बड खुस भेल अपन अघिकार माँगैतद देख क
मुदा हमर घरक दिपक जैन फोकटमे आइ हेरा गेलै । ।
साँस चलत जब तक
तब तक हमहु लरब
अपन अघिकार माँगैले हमहु आन्दोलन करब
अइ जन–सागरमे अइ बेर हमहु तरब
मुदा फेर सं कहब कि पैरकल बिलैया धारे धार
हमर आहाके खुन पिके नै रफुचक्कर भ जाइ ओइ पार
कियाकि
इ सब अइ व्यापारी हमर जानसं करैये व्यापार
आउर खसवादी करै अत्याचार
हम सब अनाथ जनता छि बिलकुल लाचार
आबो त बन्द करु इ ब्यर्थक प्रचार
अगर नै त
बलिदानी दै के लेल भजाउ तयार
मुदा चुप भके आब घरमे नै बैठु धेने हाथमे हाथ
अपन देश बचाबले आबो त करु किछ प्रयास
अपन देश बचाबले आबो त करु किछ प्रयास । ।
आइ फेर भेलै जमघट आ अपन माँग हेरा गेलै
मन त हमर बड खुस भेल अपन अघिकार माँगैतद देख क
मुदा हमर घरक दिपक जैन फोकटमे आइ हेरा गेलै । ।
साँस चलत जब तक
तब तक हमहु लरब
अपन अघिकार माँगैले हमहु आन्दोलन करब
अइ जन–सागरमे अइ बेर हमहु तरब
मुदा फेर सं कहब कि पैरकल बिलैया धारे धार
हमर आहाके खुन पिके नै रफुचक्कर भ जाइ ओइ पार
कियाकि
इ सब अइ व्यापारी हमर जानसं करैये व्यापार
आउर खसवादी करै अत्याचार
हम सब अनाथ जनता छि बिलकुल लाचार
आबो त बन्द करु इ ब्यर्थक प्रचार
अगर नै त
बलिदानी दै के लेल भजाउ तयार
मुदा चुप भके आब घरमे नै बैठु धेने हाथमे हाथ
अपन देश बचाबले आबो त करु किछ प्रयास
अपन देश बचाबले आबो त करु किछ प्रयास । ।
बाल कविता
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:56 AM
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लौकहा लौकही गेल बजार
लौकही खसल धेले बजार
लौकहा बोलल कि भेलैन
लौकही कहलौन बौवा भेलैन
लौकहा बाजल कि सब लेब
लौकही बजली हौसली लेब
गेलैन दरभंगा केलौन सृङ्गार
बौवा लके चलल अपन बाबा दुवार i i
दुुनुु बेटा त अपने केकरा लके किरिया खाउ ?
Posted by dinesh rasya
Posted on 12:32 AM
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लोग कहैये कि भेलौ वे
कथिले तुुं छे उदास
दुुनियाके खुुशी तोरे लग छौ
सब किछुु छौ तोरे पास
हरदम तोहे आस करै छे
सब पर तो बिस्वास करै छे
किछो ने तोहरसे अलग छौ,
बाज ने गे किये चुप छे तों
मुदा हम कि बाजु ? आ कत जाउदुनु बेटा त अपने
केकरा लके किरिया खाउ ?
अखन हमर अस्तित्व बिकाइ ये
घरमे खुन्क धार बहैये
देखक लभ कुशके झगडा
दुुनिया दाँते आङगुर कटैये
एकके बुोधी दोसुर कनैये
कहैये तों छि ओकरे पास
मुुदा हम कि बाजु रे बाउ
दुुनुु बेटा त अपने
केकरा लके किरिया खाउ ?
बिचे धरमे भित परल य
सौंसे देहमे कांट गरल य
भाला बरक्षी के देख लडाइ
हकन बिकन हमर मोन कनै ये
सोचै छि हम केकरा लङ रह जाउ
दुनु बेटा त अपने
केकरा लके किरिया खाउ ?
छोटे सही मुदा मोनमे आश
अखनो अछि बाँकी
खुन सं लतपत हम
अखनो एकटा सहारा ताकी
फेर सं आबे बेटा बुद्ध,
धरती चीरक निकले सिता
हाथी पर आबे बेटा सलहेश
आ तोइर दिये घरक बिचला भित्ता
फेरसं हम इ जरल समाजमे
अरिपन सं घर अपन सजाउ
दुुनुु बेटा त अपने
केकरा लके किरिया खाउ ?
दिनेश रसिया लहान २०७२–५–१५.....१ सेप्टेम्बर २०१५