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मन खुुशी नयन अश्रुधार


बड स्नेह सं ओक्रा लगेलियै
अपन खुन सं ओक्रा सिचलौ
गाछी धिरे धिरे बरह लागल
फल लागल फूल लागल,
आम जेका मोजराय लागल

मुदा हाय रे हमर भाग
जैन कपारे छल फुटल
मोती जेका रहल हमर 
सब पाइत टुटल
फल तोरा गेलौह जखन
तखने चोरबा सबटा खा गेलौ ।।

अखन अपने बारीमे पाकल य फल
मोल छल हर्षित बड ललचायल
कि कहु केहन छल ओ पल
घरक मलकिबा धेने छल जल–थल
सात समुन्दर पार तक अछि हमर चर्चा
मुदा हमर घरमे जुमैय ने खर्चा ।।

दोधारमे पडल छि आइ हम
मोन अछि खुशी आइख अछि नम
खुशी छि जे देशमे बनल य संविद्यान
मुदा हमरलेल विधने अछि जैन बाम
मन होइये दिवाली मनबी हमहु
मुदा अधिकारके माँगी  भाइ हमर लैय हमर जान ।।

हमर लहास पर करै ये संविद्यानक व्यापार
भाइके घरमे देख दियाबाती
मन अछि खुशी नयन अश्रुधार
मन अछि खुशी नयन अश्रुधार ।।


दिनेश रसिया लहान सिरहा २०७२–६–१

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