Powered by Blogger.

++गजल++

++गजल++
*********
दुनियाक दसतुर केहन नै पुुछु मित ।
दुनिया मजबुर केहन नै पुछु मित ।

चिलका चिलहौर पाइर कनै चौगमामे
माइ–बाप बेशुर केहन नै पुछु मित ।

सोनक जे खाइन छै, तकरा नै माइन छै,
बेटे तिनुुपुर केहन नै पुछु मित ।

धनक बखारी कि, महल अटारी कि,
घमन्डेमे चुर केहन नै पुछु मित ।

जगक भुँवुँरमे फसल छै रसिया,
लक्ष्य कते दुर केहन नै पुछु मित ।

२०७३/०७/३०
Dinesh Rasya
Lahan

0 comments:

Post a Comment