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१८. सिनेहिया बेदर्दा

गामक सिमान पर नित भेटैतछेलौ
एक दोसराके दर्द बुझबैत छेलौ
आइखमे नोर नै देखैत छेलौ
नइ जाइन केकर लागल नजर
सिनेहिया बैनगेल बेदर्दा हमर ।

मनक बात कोइ नई जनैत अछि
सब कियो जाइत धर्मलेल मरैत अछि
धध्कल अइ आइगे सिनेहिया जरैत अछि
अहिमे जइर गेल करम हमर
सिनेहिया बैनगेल बेदर्दा हमर ।

छोरक मन त केकरो नइ छल
मुदा समय केलक हमरा स छल
साजनके मन तोइर क आइ
कइर देलक हमर प्रेम बिफल
अहि दुखक शोगमे नेह भगेल तर हमर
सिनेहिया बैनगेल बेदर्दा हमर ।

आइ जिबैछि हम एकेटा बात लेल
प्रेमक अहि अन्हर बिहाइर कोइ नै हुवे फेल
प्रमक मधुर मिलनमे नै लगबे आइग ढाइर करुवा तेल
पाइरमे नै बेरी हुवे सामाज नै हुवे जेल
सजना नै बने कहियो बेदर्दा आहाक ।
सजना नै बने कहियो बेदर्दा आहाक । 

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