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हमर बिचार



जन्ता किये अत बन्ल लाचार
भुइल गेल सब सिस्टाचार
सब कुछ अइछ एत खराब
आब कि कहु हम अपन बिचार

नेता अइछ कुर्सीमे झुल्ल
जन्तासब बिरोधमे भुलल
घुसखोरके दैय हकार
आब कि कहु हम अपन बिचार

विद्यार्थीके किताब नै पुगैय
गरीब सबके भात नै पुगैय
शोषित सबके हात नै पुगैय
मिली भगतके नखरा हजार
आब कि कहु हम अपन बिचार

पत्रकार अछि घुषमे तुल्ल
दिन राइत अइछ फिसमे भूल्ल
कहैय पुगबै छी असल संचार
मुदा पत्रकारिता बन्लय एत व्यापार
आब कि कहु हम अपन बिचार

नारी अइछ  वेदनामे डुबल
दहेजक फूल अइछ धरधर फूलल
घर घर अइछ भेदभावक दलाल
के उठायत एकर सवाल
कतौह नै होइय एकर प्रचार
आब कि कहु हम अपन बिचार

शहीदक सपना सकार करु
समाजक बात पर बिचार करु
दिदी बहिन अइछ बड पछुवायल
जागु युवा एकर प्रतिकार करु
सब संदेशक इहे अइछ सार
एह अइछ आब हमर बिचार

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