Powered by Blogger.
Home » , , » ===गजल===

===गजल===


===गजल===


जिनगीमे सगरो अछि काँट भरल रस्ता ।
परवाह कनिको नइ महंग होय आ सस्ता ।।

अपन सौँसे देवालमे सियाही पोतल छै,
देख हाल दोसरके ठहक्का माइर हस्ता ।।

गिरबा दोसरके खाइध खुनब माहिर छै
कि पता ओकरा आगा जाके अपने खस्ता ।।

बाढीके हिलकोर समैझ हेल गेलै पानिमे,
ढेहमे नइ रुकै पाइर, भभसीमे धस्ता ।।

पिब भेटे माँर नै, घर उपर चार नै
भुजा रोटी छोइर चाही माँछ दारु नस्ता ।।

सुइन बोली ओकर सबके काटैय बिसपिपडी,
बिना मतलबके बात ओ बेर बेर घस्ता ।।

सुइन तामस उठै जोर रसियाके बातपर
भाउ पता चलतै जखन जालमे ओ फस्ता ।

दिनेश रसिया
२०७३,३,३०

0 comments:

Post a Comment