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***गीत****


***गीत****

विधवा कहिकS चुडी लहठी सब तोरलकै आइ
देखकS दुनियाके रीति हमर मोन कनैये भाइ ।

खेल्ते कुइदते नैन्हियेटामे कनिया बनलि
बनैत किशोरी सोनितनोर घुइट-घुइटकS पीबलि
सुखकS अनुभव करैस पहिने माँग उजरलै हाइ
देखकS ................

सीपकS सेनूर जखन उजरलै
पढिया साडीकS कफन चहरलै
सुख सेहेनता हमर सब अछियामे देलकS जराय
देखकS ......

विधिके विधिना, पिया छोडी गेली हमरा
सुरैत देख हमर बिगरै सबहकS जतरा
अपने घरे फेरोसं ओ बना देलकS पराइ
देखक............

छि मिथिलाके बेटी, प्रतिकार किए नै करै छी
दोसरके खुशी जोगब, भैर दुनियासं लडै छी
बिटे नै बचतैत कोपर कतसं लौबे गे माइ
देखक............

विधवा कहिकS चुडी लहठी सब तोरलकै आइ
देखकS दुनियाके रीति हमर मोन कनैये भाइ ।

दिनेश रसिया
२०६३,३,२१
सुझाबक आश रखने छी ।

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