।।गजल।।
आहा चलु हमहु आबै छि ।
गाबले गीत फेर गाबै छि ।।
शोर करु कतबो कानमे आहा
अपने धुनमे हम मुस्किाबै छि ।
सुतलके जगाब सम्भव छै
फुटल ढोल किए बजाबै छि ।
फुलक सोभा भग्वानपर निक
गन्हेल लहाश किये सजाबै छि ।
लातक भूत कहीं बातसे मान्लकैये
बीणपर भैँस आँहा नचाबै छि ।
हजारी पन्सैहिया परती परल छै
खोँटा सीक्का अहाँ चलाबै छि ।
देखु घर घरमे सम्शान छै एत
आहाँ मधुशालामे मौज मनाबै छि ।
दिनेश रसिया २०७३ जेष्ठ25
आहा चलु हमहु आबै छि ।
गाबले गीत फेर गाबै छि ।।
शोर करु कतबो कानमे आहा
अपने धुनमे हम मुस्किाबै छि ।
सुतलके जगाब सम्भव छै
फुटल ढोल किए बजाबै छि ।
फुलक सोभा भग्वानपर निक
गन्हेल लहाश किये सजाबै छि ।
लातक भूत कहीं बातसे मान्लकैये
बीणपर भैँस आँहा नचाबै छि ।
हजारी पन्सैहिया परती परल छै
खोँटा सीक्का अहाँ चलाबै छि ।
देखु घर घरमे सम्शान छै एत
आहाँ मधुशालामे मौज मनाबै छि ।
दिनेश रसिया २०७३ जेष्ठ25
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