Powered by Blogger.
Home » , » ।।गजल।।

।।गजल।।

।।गजल।।
लगैये हुनका भैर देह आँच ।
सुनाबी जखने बात हम साँच ।।
जँ मिठे मरे त माहुर किए दी
टुटै ये मोन आइ बैन क काँच ।
जीवनके सफरमे छी विद्यार्थी
जीन्गी परिक्षाके दैत रहु जाँच
गरिबीके लात परे ने पेट प
मञ्चक आगा बैठ देखु नै नाँच
कर्म भरोसे बैसल छै रसिया
सुखल आइरमे लगौने छै चाँच
दिनेश रसिया
२०७३–२–३१–२
सुझाबक आश रखने छी

0 comments:

Post a Comment