Powered by Blogger.
Home » , » .......गजल.....

.......गजल.....

.......गजल.....
चुल्हीक आँच मे लहैक जाइ छै लोग ।
सही बातक सामने छहैक जाइ छै लोग ।

प्रेमक रसपान करु कतबो मधुशालामे
बात बुझह सs पहिने महैक जाइ छै लोग ।

मोन हर्षित हुवे चाहे हुवे बड दुखी
आवेगमे आइबक बमैक जाइ छै लोग ।

बाट सुखलो रहे आ सहिटो रहे
अन्बुझेमे कहियो गुरैक जाइ छै लोग ।

भले भुखले रही, कनी दुखले सहि
दुख दोसरके देखक सिसैक जाइ छै लोग ।

दिन दानब सनक, मोन रावन सनक
पीडामे देख सीता कुहैक जाइ छै लोग ।

रसन्चौकी लगल छै रसिया दलानपर
बिना मतलबके केम्हरो घुसैक जाइ छै लोग ।
दिनेश रसिया २०७३,३,९

0 comments:

Post a Comment