फुलमे सुन्दर जेना बहार छी अहाँ ।
भँवराके निमन सृङगार छी अहाँ ।।
लाल कs आइख गुटरै दुनु चार पs,
पेरबा जोडीके निश्छल प्यार छी अहाँ ।।
रौदीयोमे जे सिहकै पिपर तरमे
मोन सीतल करै जे से ब्यार छी अहाँ ।।
मुस्की चौवनीया छै ओलती ओसारमे
नव कनिया जका दिलदार छी अहाँ ।।
देखी सुरैत अहाँक लिखी दुगो पाँती
प्रेम गजलके एगो आधार छी अहाँ ।।
दिनेश रसिया, २०७३,३,५
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