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गीत

गीत

कि बतैयौ तोरा भैया हौ अत्याचार भ गेलै
अपने इ घरमे, मधेसी उपरमे गोलीके बौछार भ गेलै
कि बतैयौ तोरा भैया हौ अत्याचार भ गेलै ।।

गेलै बुधना भोरे हौ ,भैया अधिकारक जोगार मे
हौ भैया अधिकारक जोगार मे ।
बैसलै छेलौ निर्दय कसैया मौका के तलासमे
हौ भैया मौकाके तलासमे
सबकोइ नारा लगेल्कै , उ निसाना लगेल्कै
गोली सिधे सिनाके पार भ गेलै
कि बतैयौ तोरा भैया हौ अत्याचार भ गेलै ।

ओसरामे बैसल अपन टुनटुन मगन छेलौ
उ खेलमे हौ भैया मगन छेलै उ खेलमे
ओकरो बैमनमा मारलकै गोली, धदेलकै मृत्युके जेलमे
हौ भैया धदेलकै मृत्युके जेलमे
कि केलकै निदर्दी, काका काकीके जिन्गी अन्हार भ गेलै
कि बतैयौ तोरा भैया हौ अत्याचार भ गेलै

भरखर खोललौ हमे यौ भैया एत नभका दोकान यौ
भैया एत नभका दोकान यौ
बरहल जाइ छै नमहर इ बन्दी, निकलल जाइ छै प्राण यौ
भैया निकलल जाइ छै प्राण यौ
एमहर महंगी बढल छै, करजा सिर पर चढ छै सब लचार भ गे लै
कि बतैयौ तोरा भैया हौ अत्याचार भ गेलै ।

कि बतैयौ तोरा भैया हौ अत्याचार भ गेलै
अपने इ घरमे, मधेसी उपरमे गोलीके बौछार भ गेलै
कि बतैयौ तोरा भैया हौ अत्याचार भ गेलै ।।

दिनेश रसिया लहान सिरहा २०७२,८,१८ गते 

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