यौ नेता जी,
आहा बड बुद्धियार छि ।।
हम आहा सं मांगैछि अपन अधिकारआहा दै छि हमरा जुत्ता लातहमहु त अहिंसन छि,ओ ललका फल देख भुला जाइ छिमुदा बिसैर जाइ छि कि अहिसे पहिले देलहा फल छल महकारी देखैमे ललिचरगर , उपर लाल आ भितर कारी
अहिमे पुरा हमरो दोष नै अइ
कियाकि जकर पर भरोशा केलौह
उहे बनल आहाके लग भिकारी
हम कनैये ले जनै छि
आ सगेँ रहल दलाल करैये अत्याचारी
यौ नेता जी आहा बड होसियार छि ।
देश बेचनाइ त अहिके व्यापार छि ।।
कियाकि जकर पर भरोशा केलौह
उहे बनल आहाके लग भिकारी
हम कनैये ले जनै छि
आ सगेँ रहल दलाल करैये अत्याचारी
यौ नेता जी आहा बड होसियार छि ।
देश बेचनाइ त अहिके व्यापार छि ।।
देखु आइ फेर कि भगेल
अधिकार माँग गेलौह त गोली चैल गेल
सोचलौ आहामे दया धर्म हेतै
मुदा गोलीये लागल हमर प्राण चैल गेल
यौ नेता जी आहा बड होसियार छि ।
देश बेचनाइ त अहिके व्यापार छि ।।
अधिकार माँग गेलौह त गोली चैल गेल
सोचलौ आहामे दया धर्म हेतै
मुदा गोलीये लागल हमर प्राण चैल गेल
यौ नेता जी आहा बड होसियार छि ।
देश बेचनाइ त अहिके व्यापार छि ।।
देश बेचै छि आहा भाषा भेष बेचै छि ,
सिमाङ्कन कके आहा हमर प्रदेश बेचै छि,
सिमाङ्कन कके आहा हमर प्रदेश बेचै छि,
वाह ! नेता जी ,
एतबे नै हमरे लङ आइब क झुठ्ठा प्रेम बेचै छि,
सडकमे हमरा उताइर क अपने झुठक सनेस बेचै छि ,
यौ नेता जी आहा बड होसियार छि ।
तैयो कहै छि जे हम बड लाचार छि ।।
एतबे नै हमरे लङ आइब क झुठ्ठा प्रेम बेचै छि,
सडकमे हमरा उताइर क अपने झुठक सनेस बेचै छि ,
यौ नेता जी आहा बड होसियार छि ।
तैयो कहै छि जे हम बड लाचार छि ।।
आइ यौ नेता जी ,
पढहल लिखल हमर बेटा
आहा अनपढ देश चलाबी
रौदमे खैटक हम अन्न उगाबी
आ आहा दौर दौर सब वाह वाही कमाबी
पढहल लिखल हमर बेटा
आहा अनपढ देश चलाबी
रौदमे खैटक हम अन्न उगाबी
आ आहा दौर दौर सब वाह वाही कमाबी
भैर दिन खटे हमर परिवार
साँझमे हमहि बनि लाचार
हमरा घरमे नुन आ रोटी
आहा घरमे दहिपर अँचार ।
यौ नेता जी आहा बड होसियार छि ।
हम त तैयोँ कमाके खाइ छि,
आ आहा कुकुरके परिवार छि । ।
दिनेश रसिया/ लहान
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