***मनकौबला***
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ओकरा देखलौ
लागल जे प्रेम भगेल
फेर देखलौ
वाहवाही सन लागल
ओकरा बुझलौ
अगबे दर्द मिलल
सहके प्रयास केलौ
निरासा मात्र पेलौ
लडबाक प्रयास अछि
सब पागल बुझैये
मुदा हम नै हारब
इ दहेज सं
से मनकौबला अछि ।
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दिनेश रसिया
२०७...
++गजल++
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:57 AM
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++गजल++
*********
दुनियाक दसतुर केहन नै पुुछु मित ।
दुनिया मजबुर केहन नै पुछु मित ।
चिलका चिलहौर पाइर कनै चौगमामे
माइ–बाप बेशुर केहन नै पुछु मित ।
सोनक जे खाइन छै, तकरा नै माइन छै,
बेटे तिनुुपुर केहन नै पुछु मित ।
धनक बखारी...
हुनके
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:20 AM
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हुनके
####
:-दिनेश रसिया
साँझमे आ भोरमे
गामक ओरमे
शरिरक पोरेपोरमे
सुगन्ध अखनो
हुनके अछि
दुनिया संसारमे
माइटक पहारमे
एक आ हजारमे
इजोत अखनो
हुनके अछि
बितल हर बातमे
बलानक कातमे
घरक भातमे
स्वाद अखनो
हुनके अछि
खेतक धानमे
पान आ मखानमे
माइटक भगवानमे
विश्वास अखनो
हुनके...
सीख रहल छी
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:55 AM
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Dinesh Rasya
August 24 ·
सीख रहल छी
कोना खडा होइ
कोना बैठी
कोना चली
आ कोना जीन्गी जीबी
सीख रहल छी ।
चीन्ह रहल छी
एक टकीया
दश टकीया
नमरी
पन्सैहिया
के अपन, के आन
चीन्ह रहल छी ।
ब्यतीत करैछी
साँझ, भोर
यौबनक पोरे पोर
कि करिया
किछु गोर
समय अपन जीबनकs
ब्यतीत...
के जितलै ?
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:52 AM
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के जितलै ?
आइ हम बिगरलौह
कि हमर बिचार बिगरलै
एकटा कंशके मारलेल
सातटा कृष्ण पहिले मरागेलै
अहि कहू के जितलै ?
कंश भेलै
तै कृष्ण भेलै
कृष्ण येलै
तै कंश गेलै
कंश गेलै त गेलै
फेर कृष्ण कत गेलै
जैन भाग्वत गीतासंग
कृष्ण कतौ हरा गेलै
कहू के जितलै ?
एकटा कृष्ण रहै
एकटा...
****गजल****
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:06 AM
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****गजल****
खडा होनाइ अपन पैरपर बात इS त निक हइसब दिन माइङक काम चलेनाइ इ त भिख हइ।
गिर सS पहिने समहैर जेनाइ बहुत निक बातगिरके जे समहैर जाइ से त बढका सिख हइ।
डेग डेग पर पाथर छै चलुु कनि बैच कSइज्जत आगा नहि झुकनाइ इS त बढका सीख हइ।
अपन स्वाभिमान बचाक रखनाइ...
रचना - GeeT
Posted by dinesh rasya
Posted on 9:44 AM
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रचना - GeeT
दुखके ढेकीमें कुटानी करब
चिंताके जत्तामे पिसानी करब
मेहनत करब खुब अपन गाममे
मिथिलेमे जाक मेहमानी करब
खर्रा ढाकील पात खर्रब फुलबारीमे
झिझिया खेलब सलहेशक अगाडीमे
मिलक दीपो जरायब सगें इद दियारीमे
फुट कहियो हेतैनै कखनो भैयारीमे
अपन पहिचानमे...
गजल
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:17 AM
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गजल
आगामें भीड़ देख लोग नुकाइ छै ।
पैसाके आगा प्रेम नै सुझाइ छै ।
लुच्चाके बातकी विद्वानों छै सनकल
बेरे बखतमे संसार चिन्हाइ छै ।
बेटा मरल त पुतहु बनल...
***गीत****
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:32 AM
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***गीत****
विधवा कहिकS चुडी लहठी सब तोरलकै आइदेखकS दुनियाके रीति हमर मोन कनैये भाइ ।खेल्ते कुइदते नैन्हियेटामे कनिया बनलिबनैत किशोरी सोनितनोर घुइट-घुइटकS पीबलिसुखकS अनुभव करैस पहिने माँग उजरलै हाइदेखकS ................सीपकS सेनूर जखन उजरलैपढिया साडीकS कफन चहरलैसुख...
===गजल===
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:27 AM
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===गजल===
जिनगीमे सगरो अछि काँट भरल रस्ता ।परवाह कनिको नइ महंग होय आ सस्ता ।।अपन सौँसे देवालमे सियाही पोतल छै,देख हाल दोसरके ठहक्का माइर हस्ता ।।गिरबा दोसरके खाइध खुनब माहिर छैकि पता ओकरा आगा जाके अपने खस्ता ।।बाढीके हिलकोर समैझ हेल गेलै पानिमे,ढेहमे नइ रुकै...
****गीत****
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:54 AM
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****गीत****
बनल एहि दुनियामे आदमी हैवान होअपन बेटा जोगाब, लैय हमर प्राण होदुधबा पियेलियै हम, जाहि मनुखकेकन्हियो नै बुझै रामा हमर इ दुखकेछुरी रेति रेति करै छै हलाल होअपन..........भेटत भगवान जखन कहबै समधियारस्तामे भेटल रहै बुरही बकरियाकानि कानि कशैत रहै, सुन...
...निरगुन...
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:24 AM
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...निरगुन...
जाइके छै पियाके महल
मोहके छै बेरीया परल
बिचेमे हंसा हमर भुलायल छौ हो राम ।
जनमक बेरिया हो रामा
पियाक सुधिया विसरलौ
गौवनाके बेरिया याद सतावै हो राम ।हो हो हो
एक त बयस मोर पाञ्चम
रंगल चुनर रंग आठम
ताहि पर रतिया लागै भयावन हो राम । हो हो हो
सासु...
#कविता #जीनगीक बाटमे
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:57 AM
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#कविता#जीनगीक बाटमे
नचबै छै जिनगी,तैँ हमरो नाचS परतै ।लहास परल भूँभूँर आइगमे,अछियामे फेर आँचS पडतै ।।जीवन कखनो मरुभूमि छै,कखनो जोतल खेत ।मरुभूमिमे गाछ लगा,खेत फेरो गजारS पडतै ।।जीवनमे मृत्यु सत्य थिक,ओहमे सत्य बुढापा ।जिवनक अहि खेलके,कखनो उसारS पडतै ।।माइ...
===गजल===
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:16 AM
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===गजल===
हम कटहरके कमरी आ अहाँ कुवा छी ।
जोखबतs अहाँ पसेरी हम लाबादुवा छि ।
जीनगी आइ बाचल यS हमरेसं अहाँक,
हम फेकल केथरी अहाँ सियल नुवा छी ।
फाडी मोन हमर आइ आमिल दS दुधमे,
हम घोंटल घोर आ आहाँ प्रेमक खुवा छी ।
हमरे सs पुरल सब अहाँ के मनोरथ
अहाँ मोनक...
कविता
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:57 AM
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Dinesh Rasya
कविता=====
कहतौ कविता
सुन्तौ कविता
अपन शब्दक जालमे
बुन्तौ कविता
सिङ्गारतौ कविता
विगारतौ कविता
अखारक कादो थालमे
लथारतौ कविता
मारतौ कविता
तारतौ कविता
जीवनके हर क्षणमे
सुधारतौ कविता
पसारतौ कविता
उसारतौ कविता
माइटक थाल जका
खिचारतौ कविता
पढेतौ...
++++गजल++++
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:26 AM
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Dinesh Rasya
++++गजल++++
फुल सटल रहैछै काँट लगाके ।
पानि बहबो करैछै बाट लगाके ।
बाँसक पत्ता आ कर्ची जोगाब सs निक,
पुरा बिटेके घेर लियs टाट लगाके ।
इ जिनगीमे राइत भोर हेबे करै अछि,
सब तरहक आनन्द लियs खाट लगाके ।
आनबै तs भोर हेतै मिथिलोमे मीत,
नबतुरियोके...
====चान====
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:30 AM
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+++++कविता ++++====चान====
चान अधहो निकचान पुरो निक
चान हमरो निकचान तोरो निक
चान चाने छियैचान आने छियैचान पिरीमे राखलसब भगवाने छियै
चान घरो कनैचान बहरो कनैचान रस्ता ओगरनेचान हरदम कनै
चान माइयो छियैचान बेटी छियैचान अर्धाङगनीचान बहिन छियै
चान जोगब परतैचान...
++++ गजल++++
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:07 AM
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++++ गजल++++
सबकियो आइ अनचिन्हार लगैय ।
छुछुनैरसन सबहक व्यवहार लगैये ।।
सगरो छिटकल इजोरिया छै दिने देखार
हमरा अपनो घर आब अन्हार लगैये ।।
पानि हाथीले सगरो छै अरिया उछाल
मुदा चिडैले पानिक हाहाकार लगैये ।।
मामा सकुनीके सत्ता घरे–घर...
===गजल===
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:33 AM
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फुलमे सुन्दर जेना बहार छी अहाँ ।भँवराके निमन सृङगार छी अहाँ ।।लाल कs आइख गुटरै दुनु चार पs,पेरबा जोडीके निश्छल प्यार छी अहाँ ।।रौदीयोमे जे सिहकै पिपर तरमेमोन सीतल करै जे से ब्यार छी अहाँ ।।मुस्की चौवनीया छै ओलती ओसारमेनव कनिया जका दिलदार छी अहाँ ।।देखी सुरैत...
.......गजल.....
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:33 AM
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.......गजल.....
चुल्हीक आँच मे लहैक जाइ छै लोग ।
सही बातक सामने छहैक जाइ छै लोग ।
प्रेमक रसपान करु कतबो मधुशालामे
बात बुझह सs पहिने महैक जाइ छै लोग ।
मोन हर्षित हुवे चाहे हुवे बड दुखी
आवेगमे आइबक बमैक जाइ छै लोग ।
बाट सुखलो रहे आ सहिटो रहे
अन्बुझेमे कहियो...
।।गजल।।
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:29 AM
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।।गजल।।
लगैये हुनका भैर देह आँच ।सुनाबी जखने बात हम साँच ।।
जँ मिठे मरे त माहुर किए दीटुटै ये मोन आइ बैन क काँच ।
जीवनके सफरमे छी विद्यार्थीजीन्गी परिक्षाके दैत रहु जाँच
गरिबीके लात परे ने पेट पमञ्चक आगा बैठ देखु नै नाँच
कर्म भरोसे बैसल छै रसियासुखल आइरमे...
।।गजल।।
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:27 AM
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।।गजल।।
आहा चलु हमहु आबै छि ।
गाबले गीत फेर गाबै छि ।।
शोर करु कतबो कानमे आहा
अपने धुनमे हम मुस्किाबै छि ।
सुतलके जगाब सम्भव छै
फुटल ढोल किए बजाबै छि ।
फुलक सोभा भग्वानपर निक
गन्हेल लहाश किये सजाबै छि ।
लातक भूत कहीं बातसे मान्लकैये
बीणपर भैँस आँहा नचाबै...
।। गजल ।।
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:19 AM
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आखर आखर जोइर जोइर क बना लिय दु पाति ।
हरियर डाइरपर बैसल सुगा गाबे नित् पराती ।।
सोहर,सम्दाउन, लग्नी झिझिया पसरल कोनेकोन,
अपन संस्कृति जोगाब मिता बाइर लिय एक बाती ।।
निरिह बनल छै समाज एत् दोसरके व्यवहारसं,
छोरु उच निचके भेद, बैन जाउ सब...
।। कजरी ।।
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:19 AM
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कोयलिया कुहु कुहु गीत सुनाबे
हमरो हिया हुलसाबे ना २
गे बहिना हिया हुलसाबै ना
पपिहरा पिया पिया कहिके जगाबे
हमरो मन तरसाबै ना
कोयलिया ......
एक त राजा बसन्तक मौसम
बहके इ मनमा ना २
दुजे बैरीन पियाके सपनमा २
आगी जरबे पवनमा ना
कोयलिया कुहु......
हमरो ......
दिन...
गजल
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:54 AM
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कनकनीमे ठरल पाइन इन्हेर नै भ जाइ ।गरिबक घरमे कही कतौ भोर नै भ जाइ ।।मुह त सिबक रखनैये छै सोसकसब,सियल मुह फेरसं कही जोर नै भ जाइ ।एक साँझ भुखले रहै छि मिता अखनो हम,धियापुताक दशा देख मनकही अघोर नै भ जाइ ।अपन बात राखैयोके स्वतन्त्रता नै देखै छी,स्वतन्त्रताले माहुुरसन...
गीत
Posted by dinesh rasya
Posted on 10:20 AM
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पियाजी बसै छैथ जाके बिदेश
दुर्गति कहु कोना भेजु सनेश
पिया जीबसै छैथ ......
पापी पपिहा तन मन झक्झोरै
पियाके शब्द सुनअ मन हिलकोरै
सुधि नइ देहक, भाबे नहि भेष
दुर्गति कहु कोना भेजु सनेश
पिया जीबसै छैथ ......
झरिगेल आम, गुजरि रहल महुवा
सोभै...
गजल nepali
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:53 AM
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चलाई नजरैका ती बाण प्रिय
खन्दै छौ मेरो चिहान प्रिय
देखे मैले तिमीलाई सपनी आज
गर्दै थियौ अरुसंग मुलाकात प्रिय
सागरसरी चोखो माया गर्थे तिमीलाई
कसरी गर्यौ तिमीले विश्वासघात प्रिय
सोझो र सिधा ठानेर मलाई तिमीले
मुटुभरि चोटैचोटको दियौ सौगात प्रिय
कसरी बाचन सक्छु...
गजल Nepali
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:30 AM
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मधुकण्टाले भरिएका आवाजहरु सुनिरहन्छु म
आफनो बेग्लै एउटा संसार बुनिरहन्छु म
प्रेको अनुभुतिमा पागल ठान मलाइ तिमी
चोखो मायालुको कस्तुरी मनभरि खोजिरहन्छु म
सकुसल नै छु आज पनि तिमीले दिएको माया पाएर
केवल तस्विरलिई हातमा आजपनि रोइरहन्छु म
सजिलो छैन बिर्सिन...
************ गजल****************
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:45 AM
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************ गजल****************
अहाँ हमरासँ एना सदैत रुसल रहै छी किए ?
कखनो देखी नै अहाँकऽ हमरा कल्पबै छी किए ?
नैन ताकैत रहैए सगरो अहिँके हरदम,
हमरा छोड़ि अहाँ परोछेमे रहै छी किए ?
नाता जोड़ि लेने छी की दोसरसँ अहाँ,
आई काल्हि हमर बात नै बुझै...
हमरबौवाके कनिया (गद्य कविताः एगो छोट प्रयास
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:33 AM
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चल गे बहिना कनिया देखैला
हे कहादैन बड निक कनिया
लौलकै य टुनटुन बौवा
कहाँदुन बिना तिलकेके
बियाह भेलौये
गै तोरा केना मालुम भेलौवे ?
mithilak ek got kharab parampara antya dish deg badha rahal (Pic: Gayatri singh)
तोरा नै बुझल छौ
कमरो बौ बराती गेल रहै
ओ त ओकरे...
हकार
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:21 AM
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हकार
दिनेश रसिया
स्वागतम अछि हे अथिति गण इ पुण्यभुमी मधेश मे
आदर करैत छि हम...
शुभ दिपावली
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:17 AM
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शुभ दिपावली
दिनेश रसिया
Dinesh Rasya
जनता आ नेता के अपने ताल
एक एक कइर बितै अइछ सब साल
लोकक छै अपने ताल
गरिबक के जनै हाल
चौक चौक पर करै य भासन खाली
हमर तरफ सँ शुभकामना शुभ दिपावली
घाँसपातके बढल अछि दाम
युवा सबके नै अछि कोनो काम
रोज रोज सब जाई अछि...
चुनाव आ जनता
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:12 AM
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चुनाव आ जनता
दिनेश कुमार दास
संविधान सभाके आइब गे अइछ चुनाव
डगमग डोले सबबहक नाव
नेतासब घुमे गावं–गावं
सबकियो भोटके करे तनाव
नेतासब देखे सपनामे सत्ता
नाचैत नेताके देखे चुनाव आ जनता
लागल अइछ व्यवहारक...
hindi sayri-dinesh rasya
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:58 AM
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देखै छि जे हेतै आब सुहन्गर भोर
मुदा अचकेमे सरधुवा ढाइर दैय इन्होर ।
थोरबे देरमे ढोलहा पिटा गेलै सब ओर
छनैहमे लगैय शरिरमे प्राण नैहि अछि थोर ।।
मरकर जीने से अच्छा,
जी कर मरो
कल तो सभी करते है, तुम आज करो ।
आप तो युहीँ मेरे तारिफमे लगे रहते हाइ
जिसका मै काबिल...
...गजल....
Posted by dinesh rasya
Posted on 3:29 AM
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सब दिन सुनलौ अपन देशमे गन्दगी भरल छै
आइ पता चलल कि देश हमर ई बन्हकी परल छै ।
सबठाँ लगैछै मीता हरियर कंचनसन
मुदा एखनोधरि मधेशके मन जरल छै ।
गरिब निसहाय एखनो दिन कटैछै कानि-कानि
मुदा देशक नेताके खाली जेबी भरल छै ।
हक अघिकारके हनन त बीत बीत पर छै एहिठाँ
चस्मा...
Posted by dinesh rasya
Posted on 4:58 AM
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प्रदेशक सनेश
सागरके झीलमे उतरल अछि जीवन
झिझियाके झिहिर झिहिर सुनाइये
कखनो अपनसन कखनो आनसन लगैये
मुदा सतरंगी अहि जीवनमे सब किछो बिरानसन लगैये
दिक सिक निक छल अपने घरमे
एत सब किछ परेसानसन लगैये
दिन त गिनौह नै सकैछि प्रिये काममे
राइतक आहाक याद किछ भियौनसन लगैये...