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Dinesh Rasya |
कविता
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कहतौ कविता
सुन्तौ कविता
अपन शब्दक जालमे
बुन्तौ कविता
सिङ्गारतौ कविता
विगारतौ कविता
अखारक कादो थालमे
लथारतौ कविता
मारतौ कविता
तारतौ कविता
जीवनके हर क्षणमे
सुधारतौ कविता
पसारतौ कविता
उसारतौ कविता
माइटक थाल जका
खिचारतौ कविता
पढेतौ कविता
लिखेतौ कविता
जीवनक गुणा भाग
सिखेतौ कविता
हसेतौ कविता
कनेतौ कविता
बचपनके सब याद
दिएतौ कविता
हरेतौ कविता
जितेतौ कविता
मरला उपरान्त फेरो
जिएतौ कविता
लडतौ कविता
नैडरतौ कविता
मुस्किल तोहर हमर
हटेतौ कविता
दिनेश रसिया
२०७३ ३ १८
{बस ओहिना}
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