
पैसाके आगा प्रेम नै सुझाइ छै ।
लुच्चाके बातकी विद्वानों छै सनकल
बेरे बखतमे संसार चिन्हाइ छै ।
बेटा मरल त पुतहु बनल बिधबा,
अपनले बुरहोमे बरतोहार खोजाइ छै ।
टाँगल छै नेह सगरो खुटरी देबालमें
खीजे गहूमक सेतुवा पिसाई छै ।
सुचना पठेबाक लेनेछै जे ठेक्का
कहियोकाल ढौवाले ओहो बिकाइ छै ।
दिनेश रसिया 2073/3/30
0 comments:
Post a Comment