Dineshrasya
Home
कविता
गीत
Sub Menu 1
Sub Menu 2
Sub Drop Menu 3
Sub Drop Menu 3.1
Sub Drop Menu 3.2
गजल
Sub Menu 1
Sub Menu 2
Sub Menu 3
बाल कविता
मुक्तक
Labels
कविता
किछ हमर बारेमे
गजल
गीत
फोटो
बाल_कविता
मजबूरी
मधेशक ख़ुशी
मुक्तक
Blog Archive
►
2018
(1)
►
March
(1)
►
2017
(4)
►
May
(1)
►
April
(1)
►
February
(2)
▼
2016
(37)
►
November
(3)
►
August
(3)
►
July
(10)
►
June
(6)
►
May
(4)
►
April
(2)
►
March
(1)
►
February
(1)
▼
January
(7)
हकार
शुभ दिपावली
चुनाव आ जनता
hindi sayri-dinesh rasya
...गजल....
प्रदेशक सनेश सागरके झीलमे उतरल अछि जीवन झिझियाके...
►
2015
(50)
►
December
(3)
►
November
(2)
►
October
(11)
►
September
(13)
►
August
(6)
►
May
(3)
►
April
(1)
►
March
(4)
►
February
(7)
Powered by
Blogger
.
About Me
dinesh rasya
View my complete profile
Home
» »
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:27 AM with
No comments
Tweet
0 comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Popular Posts
परदेशी अइछ इ जीवन
परदेशी अइछ इ जीवन कुछ कुछ बदलल बदलल कुछ कुछ परेसान कुछ सोचमे डुबल कुछ कुछ निरास शरीर स दुर मुदा मनसे आहाके पास कुछ सहज कुछ खास घरक याद स...
कर्मक फल
एक देशमे एकटा साहुकार रहैत छलाह । साहुकार बहुत पुण्य आ प्रतापी छलाह । साहुकारके पत्निक नाम प्रमिला छलि । ओ दुनु प्राणी नितदिन अपन काज सम्पन...
प्राकृति आ प्रम्पराप्रति प्रेम, सद्भावक प्रतीक पावैन “मधुश्रावणी”
“साउन माँस विसहरी उगल नव चाँद” “ राम घरे–घरे विषहरी लेली प्रवेश” “ छोटी अँगनमा विषहरी बहुत पसारी ऽ ” “ राम ताही अङगनमा विषहरी खेलै जु...
केहन जमाना आइब गेल
केहन जमाना आइब गेल दिनेश रसिया सीताके इ पवित्र भूमि,बुद्धक कहाबे पावन धाम । घर घर जत तिलकोर तरैये,गाछमे लटकल मिठगर आम । सुरबीर ज...
(no title)
प्रित में हमरा अहाँ,किए ऐना बर्बाद करै छी, नै हमरा सँ बात करै छी, नै हमरा अहाँ याद करै छी! गीत दिनेश रसिया आहाक सगेँ ...
(no title)
फोटो
====चान====
+++++कविता ++++ ====चान==== चान अधहो निक चान पुरो निक चान हमरो निक चान तोरो निक चान चाने छियै चान आने छियै चान पिरीमे राखल सब भगवाने...
महिलाको पत्रकारितामा सक्रियता बढ्दै
जया सिंह तालिममा सहभागी महिला पत्रकारहरु । लहान । जनकपुरमा महिला पत्रकार उमा सिंहको हत्या पछि तराई मधेशमा महिला पत्रकार संख्य...
के पाएँ मैले
परिवारमा थिए म कान्छा कान्छै भन्थें सबैले माया पाउँथे सबैको माया गर्थे सबैले खुसी थिए म आज कान्छा आउने कुराले मनमा कहिकतै टुसा प...
0 comments:
Post a Comment