रचना - GeeT
दुखके ढेकीमें कुटानी करब
चिंताके जत्तामे पिसानी करब
मेहनत करब खुब अपन गाममे
मिथिलेमे जाक मेहमानी करब
खर्रा ढाकील पात खर्रब फुलबारीमे
झिझिया खेलब सलहेशक अगाडीमे
मिलक दीपो जरायब सगें इद दियारीमे
फुट कहियो हेतैनै कखनो भैयारीमे
अपन पहिचानमे...
गजल
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:17 AM
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गजल
आगामें भीड़ देख लोग नुकाइ छै ।
पैसाके आगा प्रेम नै सुझाइ छै ।
लुच्चाके बातकी विद्वानों छै सनकल
बेरे बखतमे संसार चिन्हाइ छै ।
बेटा मरल त पुतहु बनल...
***गीत****
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:32 AM
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***गीत****
विधवा कहिकS चुडी लहठी सब तोरलकै आइदेखकS दुनियाके रीति हमर मोन कनैये भाइ ।खेल्ते कुइदते नैन्हियेटामे कनिया बनलिबनैत किशोरी सोनितनोर घुइट-घुइटकS पीबलिसुखकS अनुभव करैस पहिने माँग उजरलै हाइदेखकS ................सीपकS सेनूर जखन उजरलैपढिया साडीकS कफन चहरलैसुख...
===गजल===
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:27 AM
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===गजल===
जिनगीमे सगरो अछि काँट भरल रस्ता ।परवाह कनिको नइ महंग होय आ सस्ता ।।अपन सौँसे देवालमे सियाही पोतल छै,देख हाल दोसरके ठहक्का माइर हस्ता ।।गिरबा दोसरके खाइध खुनब माहिर छैकि पता ओकरा आगा जाके अपने खस्ता ।।बाढीके हिलकोर समैझ हेल गेलै पानिमे,ढेहमे नइ रुकै...
****गीत****
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:54 AM
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****गीत****
बनल एहि दुनियामे आदमी हैवान होअपन बेटा जोगाब, लैय हमर प्राण होदुधबा पियेलियै हम, जाहि मनुखकेकन्हियो नै बुझै रामा हमर इ दुखकेछुरी रेति रेति करै छै हलाल होअपन..........भेटत भगवान जखन कहबै समधियारस्तामे भेटल रहै बुरही बकरियाकानि कानि कशैत रहै, सुन...
...निरगुन...
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:24 AM
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...निरगुन...
जाइके छै पियाके महल
मोहके छै बेरीया परल
बिचेमे हंसा हमर भुलायल छौ हो राम ।
जनमक बेरिया हो रामा
पियाक सुधिया विसरलौ
गौवनाके बेरिया याद सतावै हो राम ।हो हो हो
एक त बयस मोर पाञ्चम
रंगल चुनर रंग आठम
ताहि पर रतिया लागै भयावन हो राम । हो हो हो
सासु...
#कविता #जीनगीक बाटमे
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:57 AM
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#कविता#जीनगीक बाटमे
नचबै छै जिनगी,तैँ हमरो नाचS परतै ।लहास परल भूँभूँर आइगमे,अछियामे फेर आँचS पडतै ।।जीवन कखनो मरुभूमि छै,कखनो जोतल खेत ।मरुभूमिमे गाछ लगा,खेत फेरो गजारS पडतै ।।जीवनमे मृत्यु सत्य थिक,ओहमे सत्य बुढापा ।जिवनक अहि खेलके,कखनो उसारS पडतै ।।माइ...
===गजल===
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:16 AM
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===गजल===
हम कटहरके कमरी आ अहाँ कुवा छी ।
जोखबतs अहाँ पसेरी हम लाबादुवा छि ।
जीनगी आइ बाचल यS हमरेसं अहाँक,
हम फेकल केथरी अहाँ सियल नुवा छी ।
फाडी मोन हमर आइ आमिल दS दुधमे,
हम घोंटल घोर आ आहाँ प्रेमक खुवा छी ।
हमरे सs पुरल सब अहाँ के मनोरथ
अहाँ मोनक...
कविता
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:57 AM
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Dinesh Rasya
कविता=====
कहतौ कविता
सुन्तौ कविता
अपन शब्दक जालमे
बुन्तौ कविता
सिङ्गारतौ कविता
विगारतौ कविता
अखारक कादो थालमे
लथारतौ कविता
मारतौ कविता
तारतौ कविता
जीवनके हर क्षणमे
सुधारतौ कविता
पसारतौ कविता
उसारतौ कविता
माइटक थाल जका
खिचारतौ कविता
पढेतौ...
++++गजल++++
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:26 AM
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Dinesh Rasya
++++गजल++++
फुल सटल रहैछै काँट लगाके ।
पानि बहबो करैछै बाट लगाके ।
बाँसक पत्ता आ कर्ची जोगाब सs निक,
पुरा बिटेके घेर लियs टाट लगाके ।
इ जिनगीमे राइत भोर हेबे करै अछि,
सब तरहक आनन्द लियs खाट लगाके ।
आनबै तs भोर हेतै मिथिलोमे मीत,
नबतुरियोके...