स्वार्णिम युग निर्माण करअ लेल,
डेगआगा बढाउ मिता ।
इतिहास बनत अपनैह रचने,
गीत एकैहटा गाउमिता ।
सीता सलहेश और अयाची
नाम धरा आगा बढू ।
अपनैहजलू, अपनैह तपू
अपनैहसं स्वर्ण सिंहासन गढू ।
छि रथ अहाँ मिथलेशके
से जनजनके बताउमिता ।
सागर अहिकेर पाउमे,
हिमालयके...