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गीत

गीत
स्वार्णिम युग निर्माण करअ लेल, डेगआगा बढाउ मिता । इतिहास बनत अपनैह रचने, गीत एकैहटा गाउमिता । सीता सलहेश और अयाची नाम धरा आगा बढू । अपनैहजलू, अपनैह तपू अपनैहसं स्वर्ण सिंहासन गढू । छि रथ अहाँ मिथलेशके से जनजनके बताउमिता  । सागर अहिकेर पाउमे, हिमालयके...