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गजल

गजल
गजल ==== ओकरा ताकैत रही हम आ ओ ताकैत रहे हमरा । छुछे अपसियात रही झामर भगेल देहक चमरा । एक त बर्ष दिनके पाबैन उपरसं फुलवारीक भीड फुलमे भरल सुगन्ध अनेक लौटैत देखलौ भँवरा । सिखल सिखायल नै देखल देखायल रुप हुन्कर पछवरिया हावा देखैते लागल खटगर अमरा । बाह्र बिध्हाक...