+++++कविता ++++====चान====
चान अधहो निकचान पुरो निक
चान हमरो निकचान तोरो निक
चान चाने छियैचान आने छियैचान पिरीमे राखलसब भगवाने छियै
चान घरो कनैचान बहरो कनैचान रस्ता ओगरनेचान हरदम कनै
चान माइयो छियैचान बेटी छियैचान अर्धाङगनीचान बहिन छियै
चान जोगब परतैचान...
++++ गजल++++
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:07 AM
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++++ गजल++++
सबकियो आइ अनचिन्हार लगैय ।
छुछुनैरसन सबहक व्यवहार लगैये ।।
सगरो छिटकल इजोरिया छै दिने देखार
हमरा अपनो घर आब अन्हार लगैये ।।
पानि हाथीले सगरो छै अरिया उछाल
मुदा चिडैले पानिक हाहाकार लगैये ।।
मामा सकुनीके सत्ता घरे–घर...
===गजल===
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:33 AM
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फुलमे सुन्दर जेना बहार छी अहाँ ।भँवराके निमन सृङगार छी अहाँ ।।लाल कs आइख गुटरै दुनु चार पs,पेरबा जोडीके निश्छल प्यार छी अहाँ ।।रौदीयोमे जे सिहकै पिपर तरमेमोन सीतल करै जे से ब्यार छी अहाँ ।।मुस्की चौवनीया छै ओलती ओसारमेनव कनिया जका दिलदार छी अहाँ ।।देखी सुरैत...
.......गजल.....
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:33 AM
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.......गजल.....
चुल्हीक आँच मे लहैक जाइ छै लोग ।
सही बातक सामने छहैक जाइ छै लोग ।
प्रेमक रसपान करु कतबो मधुशालामे
बात बुझह सs पहिने महैक जाइ छै लोग ।
मोन हर्षित हुवे चाहे हुवे बड दुखी
आवेगमे आइबक बमैक जाइ छै लोग ।
बाट सुखलो रहे आ सहिटो रहे
अन्बुझेमे कहियो...
।।गजल।।
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:29 AM
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।।गजल।।
लगैये हुनका भैर देह आँच ।सुनाबी जखने बात हम साँच ।।
जँ मिठे मरे त माहुर किए दीटुटै ये मोन आइ बैन क काँच ।
जीवनके सफरमे छी विद्यार्थीजीन्गी परिक्षाके दैत रहु जाँच
गरिबीके लात परे ने पेट पमञ्चक आगा बैठ देखु नै नाँच
कर्म भरोसे बैसल छै रसियासुखल आइरमे...
।।गजल।।
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:27 AM
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।।गजल।।
आहा चलु हमहु आबै छि ।
गाबले गीत फेर गाबै छि ।।
शोर करु कतबो कानमे आहा
अपने धुनमे हम मुस्किाबै छि ।
सुतलके जगाब सम्भव छै
फुटल ढोल किए बजाबै छि ।
फुलक सोभा भग्वानपर निक
गन्हेल लहाश किये सजाबै छि ।
लातक भूत कहीं बातसे मान्लकैये
बीणपर भैँस आँहा नचाबै...