अटकन मटकन धेले चटकन
नेपालमे संविधान फरे
मधेशी जनता भुखे मरे
से जनता के नाम कि
मुर्ख मधेशी, इंडियन धोत्ती
नाम देलक निरङ्कुष सासक विदेशी
मुदा हेतै फेर सोन सन बिहान
हमहु बनब एत महान
सँग चलु आँहा हम कि करब असगर
बाजु बौवा नब घर लेब कि पुरान घर
दिनेश रसिया लहान...
अजब सरकार गजब हडताल
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:02 AM
with No comments
सोनक टुकरी देश हमरसे फसल आइ बिच भवँर
के लगायत एकरा पारदेख चलती एकर पिटे जनता कपार
हम नचै छि अपने ताले ओ नचैय अपने तालशान्तिके अहि देशमे अजब सरकार आ गजब हडताल ।।
नजैर अगाडीमे हुवे नै खोकी झुठे एत कुकुरसन भुकीक्यो करैये रासन चोरी कक्रो घर रोटियेले दुखी
कतौ...
मन खुुशी नयन अश्रुधार
Posted by dinesh rasya
Posted on 1:15 AM
with No comments
बड स्नेह सं ओक्रा लगेलियै
अपन खुन सं ओक्रा सिचलौ
गाछी धिरे धिरे बरह लागल
फल लागल फूल लागल,
आम जेका मोजराय लागल
मुदा हाय रे हमर भाग
जैन कपारे छल फुटल
मोती जेका रहल हमर
सब पाइत टुटल
फल तोरा गेलौह जखन
तखने चोरबा सबटा खा गेलौ ।।
अखन अपने बारीमे पाकल य फल
मोल...
मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:47 AM
with No comments

मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश
हरा रहल अपन भाषा हरारहल अपन भेष ।
टुइट रहल अपन अधार,
छिना रहल य अपन प्रदेश
मैर रहल मधेशी, जैर रहल मधेश ।।
हर घरके खुशहाली भाइग रहल य
घुराक घर लाब खुशी जनता जाइग रहल य
शिर कटे चाहे बहे खुनक धार
हम मधेशीके एके ललकार
बड...
औंरीे पर गनल पबनी
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:50 AM
with No comments
कतेक छोट अछि जीन्दगी
तैमे औंरीे पर गनल अछि पबनि
साउनमे आयल नाग पञ्चमी
गोबर सं घर आङ्गन निपेली
नब बासनमे बनैये दुध लाबा
मन्तर पढैय धामी बाबा
राइत भैर करैय साँप धङ्ग्नी
औंरीे पर गनल अछि पबनि ।।
चौबिस दिन बाद अछि रक्षाबन्धन
कच्चा धागामे अछि बहुते दम
भाइ बहिनके...
तरकारी स्कूल
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:45 AM
with No comments
आलु भन्टा स्कूल गेलैइऽ बोइकऽक नमहर झोरा सुथनी भैया थपरी बजाक स्वागत केल्कै ओक्रामुररै भैया खिस्सा कैहऽक सबके हसेलकसजमैन, कदिमा ,टमाटरके भुँइयामे बैठेलक
कखहरबा परहैत बड दुरऽसं खिरा दिदी एलैन
मिरचाइ रानी सबाल कैरके करुऽ खुब लगौलैन
करैलाऽजी बड खुरलुची मास्टर...
पुलिसबा जनताके मारैय गोली ।
Posted by dinesh rasya
Posted on 8:15 PM
with No comments
बैसाखमे भेलौय लक्ष्मी पुजा
अषाढमे भेलौय होली
दुुनिया त आब उलटे चलौय
पुलिस जनताके मारैय गोली
गल्ती अइमे पुलिसके एको नै गे दाइ
अपने चिन्हल नेतबा सब एत बनल छै कसाइ
चैतमे जा के सैज रहलय कोहबरके रंगोली
दुुनिया जैन उलटे चलौय पुलिसबा जनताके मारैय गोली
ऊ बीस...
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:03 AM
with No comments
आइ फेर परलै पाइन सौंसे खेत दहा गेलै
आइ फेर भेलै जमघट आ अपन माँग हेरा गेलै
मन त हमर बड खुस भेल अपन अघिकार माँगैतद देख क
मुदा हमर घरक दिपक जैन फोकटमे आइ हेरा गेलै । ।
साँस चलत जब तक
...
बाल कविता
Posted by dinesh rasya
Posted on 5:56 AM
with No comments
लौकहा लौकही गेल बजारलौकही खसल धेले बजारलौकहा बोलल कि भेलैन लौकही कहलौन बौवा भेलैनलौकहा बाजल कि सब लेबलौकही बजली हौसली लेबगेलैन दरभंगा केलौन सृङ्गारबौवा लके चलल अपन बाबा दुवार i...
दुुनुु बेटा त अपने केकरा लके किरिया खाउ ?
Posted by dinesh rasya
Posted on 12:32 AM
with No comments
लोग कहैये कि भेलौ वे
कथिले तुुं छे उदास
दुुनियाके खुुशी तोरे लग छौ
सब किछुु छौ तोरे पास
हरदम तोहे आस करै छे
सब पर तो बिस्वास करै छे
किछो ने तोहरसे अलग छौ,
बाज ने गे किये चुप छे तों
मुदा हम कि बाजु ? आ कत जाउ
दुनु बेटा त अपने केकरा...