फेर हेतै नबका सुरुजफेरो हेतै चानमिथिलोके आजादी मिलतैहेतैय उगना भगवानधानसं भरल खेत हेतैकेकरो नै भुखल पेट हेतैसबकियो रहतै मिल्जुइल क सासन करबला नै कोनो सेठ हेतैजाइत जाइतमे बिभेद नै रहतैधरमके नामपर ऐब नै रहतैहम बरका तो छोटका छें रौमिथिलामे एहन फरेब नै रहतैनन्हको...
आहा महान छि
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:55 AM
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हमर जान अहि ,हमर प्राण अहि
हमर पूजा अहि, हमर पाठ अहि
दुनिया चाहे हमर आब किछो कहे
हमर दुनियाक चाँन अहि भगवान अहि ।
जे आइ जाइग गेल ओ बस आहा छि
जे आउर के जगेलक ओ आहा छि
डिबियाक टेमी खतम होइते छल
अपन सोनित द फेर जागृत केलौह ओ आहा छि ।
सत्ताधारी सब बड सोसन...
होसियार नेता जी !!!
Posted by dinesh rasya
Posted on 6:26 AM
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यौ नेता जी,
आहा बड बुद्धियार छि ।।
हम आहा सं मांगैछि अपन अधिकार
आहा दै छि हमरा जुत्ता लात
हमहु त अहिंसन छि,
ओ ललका फल देख भुला जाइ छि
मुदा बिसैर जाइ छि कि अहिसे पहिले देलहा फल छल महकारी देखैमे...
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:46 AM
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आहा बढैत चलु हम साथ छिहमहु अहि जका अगुवायल छिसंघर्ष करै अबै छि हमहु तहिये संजहिया सं आहा अधिकारले गरमाइल छिह. सही कहे छि आहा बढैत चलु हम साथ छि
रौद हुवे या बतास हुवेचाहे अहिलेल हमर प्राण्क आहुति लियेम्दा हम आब लडैत रहबचाहे कियो कियाक ने जरैत रहेआहा भोर बैन...
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:43 AM
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लगैये हमरा
बैट गेलैय धर्ती
बैट गेलै अस्मान
भिन भगेलै दुनु बेटा
माइ अपन बैन गेलै विरान
लगैये हमरा
बैट गेलैय धर्ती
बैट गेलै अस्मान । ।
केकर भुँभुँर आइग तपब आब
साँझमे बैठब केकर दलान
देखु लोभी बौगला अछि ध्यान लगौने
जाइन नै कखन लेता सिंही मुङग्रीके जान
लगैये हमरा
बैट...
प्राकृति आ प्रम्पराप्रति प्रेम, सद्भावक प्रतीक पावैन “मधुश्रावणी”
Posted by dinesh rasya
Posted on 7:32 AM
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“साउन माँस विसहरी उगल नव चाँद”
“ राम घरे–घरे विषहरी लेली प्रवेश”
“ छोटी अँगनमा विषहरी बहुत पसारी ऽ ”
“ राम ताही अङगनमा विषहरी खेलै जुवासारी”
जेहन मैथिली कर्णप्रिय लोकगीत सबसँ एखन मिथिलाक घर आँगन सोहाओन भ रहल अछि ।
विशेषक...