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कर्मक फल

कर्मक फल
एक देशमे एकटा साहुकार रहैत छलाह । साहुकार बहुत पुण्य आ प्रतापी छलाह । साहुकारके पत्निक नाम प्रमिला छलि । ओ दुनु प्राणी नितदिन अपन काज सम्पन्न कए, साधुक सेवामे लिपत भ जाइत छलैन । साधुक आज्ञा हुन्कालेल लक्ष्मण लकिर छल । अशि क्रममे दिन बितैत गेल आउर साहुकारक पत्नि...

गीत

गीत
स्वार्णिम युग निर्माण करअ लेल, डेगआगा बढाउ मिता । इतिहास बनत अपनैह रचने, गीत एकैहटा गाउमिता । सीता सलहेश और अयाची नाम धरा आगा बढू । अपनैहजलू, अपनैह तपू अपनैहसं स्वर्ण सिंहासन गढू । छि रथ अहाँ मिथलेशके से जनजनके बताउमिता  । सागर अहिकेर पाउमे, हिमालयके...

गजल

गजल
गजल ==== ओकरा ताकैत रही हम आ ओ ताकैत रहे हमरा । छुछे अपसियात रही झामर भगेल देहक चमरा । एक त बर्ष दिनके पाबैन उपरसं फुलवारीक भीड फुलमे भरल सुगन्ध अनेक लौटैत देखलौ भँवरा । सिखल सिखायल नै देखल देखायल रुप हुन्कर पछवरिया हावा देखैते लागल खटगर अमरा । बाह्र बिध्हाक...
+++गजल+++ बीत बीत पर पाप एत, डेग डेग पर काँट छै ।बौका बन्ल लोग सब, जोरगरहेके साँठघाँट छै । बेलन, लेहिया औ कराही चुल्हीपर अडयौनेभुखल दुल्ही नै बिछौने ताइक रहल बाट छै । झुल्नी पर चिलहारैत चिल्का, सापुत नै मुहकेदु–टघार दुध लेल मायक छाती खोँट छै । सुलीपर...

+++गजल+++

+++गजल+++
+++गजल+++ हमरे चिताक आइगमे अपन गहना बना लिहे । नेहक भिजल नोरसं अपन हृदय कना लिहे । हमर एके सेहन्ता खुब राज करै तू छातीप भला राइख हमर ना जना लिहे । हमर सिनेह बाँतर हौ तोराले जखन, तुलसीक गाछ रोपल हमर सारा खना लिहे । पागल छियौ...

***मनकौबला***

***मनकौबला***
***मनकौबला*** ______________ ओकरा देखलौ लागल जे प्रेम भगेल फेर देखलौ वाहवाही सन लागल ओकरा बुझलौ अगबे दर्द मिलल सहके प्रयास केलौ निरासा मात्र पेलौ लडबाक प्रयास अछि सब पागल बुझैये मुदा हम नै हारब इ दहेज सं से मनकौबला अछि । ------------------- दिनेश रसिया २०७...

++गजल++

++गजल++
++गजल++ ********* दुनियाक दसतुर केहन नै पुुछु मित । दुनिया मजबुर केहन नै पुछु मित । चिलका चिलहौर पाइर कनै चौगमामे माइ–बाप बेशुर केहन नै पुछु मित । सोनक जे खाइन छै, तकरा नै माइन छै, बेटे तिनुुपुर केहन नै पुछु मित । धनक बखारी...